Wednesday, August 13, 2014

Dear V/s Bear Official Trailer | Feat. Uttar Kumar, Lovely Joshi

Saturday, April 19, 2008

Saturday, March 15, 2008

एडिटवर्क्स स्कूल ऑफ मास कम्यूनिकेशन

एडिटवर्क्स स्कूल ऑफ मास कम्यूनिकेशन की स्थापना वर्ष २००२ में हुई थी, संस्थान का मुख्य उद्देश्य छात्रों को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करते हुए ऐसे मीडियाकर्मी बनाना है जो इलेक्ट्रॉनिक मी़डिया में दिन पर दिन बढ़ती जा रही चुनौतियों का कुशलता के साथ सामना कर सकें, अपने पांच साल के कार्यकाल मे एडिट वर्क्स स्कूल ऑफ मास कम्यूनिकेशन ने इस उद्देश्य को बखूबी अंजाम दिया है, यही कारण है कि संस्थान से निकले छात्र आज देश के विभिन्न चैनलों और मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएं दे रहे हैंकिसी भी इमारत को बुलंद बनाने के लिए उसकी नींव का मजबूत होना ज़रूरी है। इस सिद्धांत को अपनाकर हमने नोएडा स्थित संस्थान को उच्च मीडिया तकनीकी से भरपूर बनाने का प्रयास किया है, संस्थान में जहां तकनीकी के लिहाज से उच्च स्तरीय एडिटिंग सिस्टम है वहीं आधुनिक कैमरे, एंकरिंग अथवा न्यूज रीडिंग के लिए उपकरणों से सुसज्जित स्टूडियो, कान्फ्रेंस हॉल और पठन पाठन के लिए एक लाइब्रेरी की सुविधा भी है।संस्थान के माध्यम से जिन लोगों ने कुशल मीडियाकर्मी बनाने का ज़िम्मा लिया है, वे खुद मी़डिया क्षेत्र में कई सालों के अनुभवी हैं, इन सभी अनुभवी व्यक्तित्वों के सानिद्ध्य से छात्रों का न सिर्फ बौद्धिक विकास होता है बल्कि करियर विकास में भी उन्हें सही दिशा मिलती है। कोई मीडियाकर्मी चाहे वो अनुभवी हो या गैर अनुभवी किसी मीडिया संस्थान में जाता है तो सबसे पहले उसके पोर्टफोलियो पर नज़र डाली जाती है। हम हमेशा अपने छात्रो को संस्थान द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही ट्रेनिंग के माध्यम से, उनके पोर्टफोलियो को बेहतर बनाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। उचित मार्गदर्शन और बेहतर पठन सामग्री के माध्यम से छात्रों का लगातार बौद्धिक विकास किया जाता है। करत- करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान... इस सूक्ति को आधार मानकर हम छात्रों को लगातार प्रेक्टिकल ट्रेनिंग देते हैं, जिससे जहां उनका टैलेंट उभरता है वहीं उनकी रचनात्मकता में भी निखार आता है। इसके अलावा छात्रों को कई प्रोजेक्ट में भी शामिल किया जाता है जो उनके करियर को बेहतर बनाने में सहायक होता है।सामान्यतौर पर मीडियाकर्मी में उच्च स्तरीय रचनात्मकता और अपने क्षेत्र मे कुछ कर गुजरने का जुनून होना चाहिये, हालांकि रचनात्मकता थोड़ी बहुत जन्मजात होती है, लेकिन इसे बेहतर प्रशिक्षण और अनुभव से विकसित भी किया जा सकता है। इसके अलावा बेहतर मीडियाकर्मी बनने के लिए, धैर्य, जिज्ञासु प्रवृत्ति, समय की क़ीमत और किसी भी स्थिति में काम करने का जज़्बा होना चाहिये।